Ram ke gaon se Ayodhya tak
राम-सीता एक आर्दश योद्धा है वे राष्ट्र रक्षा के लिऐ महलों को त्याग कर वीरव्रती बने। सीता एक ऐसी दृढ़ निश्चयी महायोद्धा है जो राम की परिधि से बाहर होते राक्षसों और दानवों को रणचण्डी की तरह मारती है…
राधा किसी हीर – राझा, रोमियो – जुलियट और सीरी – फरहात की अग्रज नही वरन् उसका प्रेम कृष्ण के लिऐ राष्ट्र रक्षा की प्रेरणा था। दैत्यों से भरे मधुवन में एक दुस्साहसी महायोद्धा की तरह उसने महारास रचाया था…
पार्वती एक दृढ़ निश्चयी प्रेमिका और महायोद्धा है अपने प्रेम के लिए महायोगी सहित पूरे ब्रह्माण्ड को झुका देती है। सनातन संस्कृति और मानवता के लिए अकेले ही रण में असुरों को चुनौती देती है। उसकी विजय गाथा आज भी विश्वव्यापी आतंक के विरूद्ध युद्ध की इनसॅंाइक्लोपीडिया है..
यही कारण है कि जिसने महान आर्य पुत्रों को कायर और नपुंसक हिन्दु बना दिया है। आज देश के सामने जो खतरा है वह न तो इस्लामी आतंकवाद है और न ही मंगोलवाद से पैदा नक्सलवाद है। आज सबसे बड़ा खतरा उस हिन्दुत्व से है जो टूटे हुये कायर समाज की कहानी कह रहा है।
Weight | .300 kg |
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Dimensions | 22 × 15 × 2 cm |
Author |
Mahender Saptand |
Publisher |
Namya Press |
Series |
Paperback |
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