लेखिका वंदना जोगी जी ने इस कहानी को सरल, सीधे शब्दों में लिखकर, स्त्री और पुरुष के दामपत्य जीवन की घटनाओं का सहज वर्णन किया है और यही इस कहानी की सुंदरता है। नवी मुंबई में रहने वाला यह महाराष्ट्रियन दामपत्य मधुरा और विश्वास, पैतालीस की उम्र पार कर चुका है। जीवन की हर घटना का ख़ुशी ख़ुशी सामना करने वाला यह दामपत्य, शादी की इकिस्वी सालगिराह की रात, युं झगड़ पड़ा कि उनका वैवाहिक जीवन एक नाजुक मोड़ पर आ कर रुक गया।
Man ke bandhan ka spandan
लेखिका वंदना जोगी जी ने इस कहानी को सरल, सीधे शब्दों में लिखकर, स्त्री और पुरुष के दामपत्य जीवन की घटनाओं का सहज वर्णन किया है और यही इस कहानी की सुंदरता है। नवी मुंबई में रहने वाला यह महाराष्ट्रियन दामपत्य मधुरा और विश्वास, पैतालीस की उम्र पार कर चुका है। जीवन की हर घटना का ख़ुशी ख़ुशी सामना करने वाला यह दामपत्य, शादी की इकिस्वी सालगिराह की रात, युं झगड़ पड़ा कि उनका वैवाहिक जीवन एक नाजुक मोड़ पर आ कर रुक गया।
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