Sale!

Ram ji ko Ram Ram

राम का अर्थ है मन की अग्नि का दमन अर्थात मानसिक संतृप्तता। जब मन शांत होगा तभी तो परमार्थ की ओर  मनुष्य अग्रसर होगा।  तभी तो वो अपने जीवन का सबसे उत्तम या सर्वश्रेष्ठ चिंतन या मंथन का मूर्त योगदान साकार कर इस समाज को दे पायेगा।

जब तक किसी इंसान की आत्म संतुष्टि नहीं होती तब तक वह न तो  स्वम् को कुछ दे सकता है। न परिवार को कुछ दे सकता है और न ही समाज को कुछ दे पायेगा।

भारतीय संस्कृति में अभिवादन की कई परम्परायें हैं। प्रणाम, पाय लागूं ,चरण स्पर्श  जो आदि अनादि काल से भारतीय हिन्दू संस्कृति में रची बसी रही।

परन्तु भगवान् राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने के बाद या सीधे शब्दों में कहूँ कि राजा रामचंद्र जी के मर्यादित आचरण ,रामराज्य,मात पितृ भक्ति , सहोदर स्नेह ,निस्वार्थ कर्तव्य परायणता और जीवन में पग पग पर अति दुर्गम एवं कष्टमय समय के झँझावतों में असीम धैर्य का परिचय देते हुए ,निर्लोभ ,सहज भाव से पद,गरिमा,शुचिता, एवं मर्यादा को पालन करते हुए, जनमानस में कहा कि ये ही तो हिन्दू सनातन धर्म की सभ्यता है ,यही तो मर्यादा है , यही तो भगवान् हैं ,यही तो मेरे राम हैं।

राम एक नाम नहीं एक महाशब्द है। जिसमें सारा ब्रह्माण्ड, सहस्त्रों सूर्य, इस समग्र जिव एवं निर्जीव कण का अस्तित्व निहित हैं। इसीलिए राम आराध्य हैं, राम असीमित हैं, राम अपरिमेय हैं।

भारत पर आततायियों ने आक्रमण किया।हम ८०० साल पराधीन रहे। हमारी पारधीनता का कारण हिन्दू न का भीरु या कायर होना कदाचित नहीं रहा। हिन्दू न भीरु था , न है और न ही कभी रहेगा।

परन्तु हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी बिडंबना और सबसे प्रशंसनीय बात केवल एक और वो है किसी भी बात को आत्मसात कर लेना , स्वीकार  कर लेना।  असीम सहनशीलता भी हिन्दू धर्म की दूसरी कमी और प्रशंसनीय बात है ।

बस इसी सोच ने लुटेरों को बादशाह बना दिया और कुछ कबीलों के विदेशी लुटेरे अपना अपना धर्म एवं साम्राज्य भारत में बनाते चले गए और हिन्दू परतंत्र होता चला  गया।

मंदिर ,धर्मस्थल तोड़ दिए ,मूर्तियां तोड़ दीं और अखंड भारत कुछ घर के घातियों के कारण खंड खंड हो गया।

राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह हिन्दू धर्म के कुछ जयचंदों ने लगाए। पर राम तो राम हैं “मन की अग्नि”को मरने वाला।  अतः राम के नाम की तेजाग्नि में घातियों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया और आज मर्यादा पुरुषोत्तम राजारामचंद्र जी की लीला ,नवचेतना और नववेग के साथ हर भारतीय को मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए, समाज को कुछ और देने के लिए प्रेरित कर रही है।

मैंने इस संकलन में राम ,कृष्ण ,सनातन, भारत और कुछ समय की सच्चाई को शब्दों में पिरोया हैं।

मैं आशा करता हूँ कि मेरी हर कही हुई पंक्ति आपकी सोची हुई पंक्ति ही होगी।

राम जी को राम राम ,श्याम जी को श्याम श्याम।

सीता मैय्या कोटि प्रणाम बनी अयोध्या पंचम धाम।।

Original price was: ₹400.00.Current price is: ₹390.00.
Quick ViewBuy Now
Add to cart
Sale!

Sarkar Babu

यह उपन्यास बिहार तथा झारखंड के संथाल परगना की सामाजिक-राजनैतिक व्यवस्था को उजागर करने वाले उन पत्रकारों के जीवन और कर्तव्यों पर आधारित है जिन्होंने अपने कर्मों से बड़े-बड़े लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि दरअसल छोटे शहरों और कस्बों में काम करने वाले पत्रकार ही असली पत्रकार होते हैं जो पत्रकारिता की चमक -दमक से दूर जंगलों, पहाड़ों और नदियों को पार कर जनता के लिए सही खबरें लाते हैं। फिर भी उन्हें कभी भी वह सम्मान नहीं मिलता जिनके वे हकदार होते हैं। सरल भाषा में लिखी गयी यह किताब सत्य घटनाओं पर आधारित है।

Original price was: ₹299.00.Current price is: ₹229.00.
Quick ViewBuy Now
Add to cart
Sale!

Unlock your Character Strengths

Original price was: ₹1,236.00.Current price is: ₹1,235.00.
Quick ViewBuy Now
Add to cart
Sale!

Unnoticed The Story of a Star Girl

Siya, a dreamer from a small city wants to be a renowned celebrity in the world. But on her way,

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹240.00.
Quick ViewBuy Now
Add to cart
Sale!

Yado me sahir ludhianvi jeevan gatha -100th janam shadi ko samarpit

साहिर की यह जीवन गाथा उनकी 100 वीं जन्म शति के अवसर पर प्रस्तुत है । साहिर के जीवन की कहानी, साहित्य एवं फिल्म जगत को उनकी देन, उनके जीवन की विशि ष्ट एवं उत्साह वर्धक उपलब्धियां तथा उनके व्यक् तिगत जीवन की घटनाएं, यह सब पर्दे के पीछे कुछ भी नहीं । उन का साहित्य सि ने जगत को उनका योगदान, उनका पारिवारिक जीवन यह सब खुली कित ाब के पन्नों की
तरह है । प्रस्तुत पुस्तक “यादों में साहिर लुधि यानवी” वास्तव में उनके संपूर्ण जीवन की एक खुली कित ाब है। इसमें उनके जीवन का क्षण क्षण झलकता है । जीवन की घटनायें, प्रेम कथायें, सि ने जगत की अभूतपूर्व उपलब्धियां, क्या -कैसे और कित ना लि खा इत्यादि । इस पुस्तक के पन्नों के शब्द सामग्री आपका भरपूर मनोरंजन एवं ज्ञान वर्धन करेगी।

Original price was: ₹1,495.00.Current price is: ₹1,490.00.
Quick ViewBuy Now
Add to cart