Samandar paar – kapaang saagar / समंदर पार – कपांग सागर
पंचुला शहर एक छोटा और खूबसूरत शहर जोकि पहाड़ियों के आस.पास बसा हुआ है। इसी शहर में रहता है आकाशए
Samay Ke Sath
डॉ. तीरविजय सिंह ने बतौर पत्रकार कारगिल युद्ध से कोरोना काल के मध्य न सिर्फ कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए बल्कि हिन्दी पत्रकारिता के नए मानक भी स्थापित किए। अंशकालिक पत्रकार के रूप में 1992 में ही लेखनी से लगन लगा ली। 1993 में भूमि सुधार और जाति संघर्ष पर पीएच-डी करने के बाद वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के सहकारी पीजी कॉलेज में अगले पांच वर्षों तक स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन का अनुभव अर्जित करते रहे। 1998 में नए तेवर के साथ पूर्णकालिक पत्रकारिता का वरण किया। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध की कवरेज ने लेखनी को नई पहचान दिलाई। वहीं बटला हाउस कांड में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के संजरपुर से की गई ग्राउंड रिपोर्टिंग को अन्वेषकों ने शोधपत्र की भांति सहेजकर रखा है। इस ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए केसी कुलिश (केसीके) अवार्ड से सम्मानित हुए। वर्ष 2015 में एक और शिखर का स्पर्श किया। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान व्यापक जनजागरूकता एवं निष्पक्ष कवरेज के लिए भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया। इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली, मेरठ और लखनऊ के बाद संप्रति हिन्दुस्तान बिहार-झारखंड के कार्यकारी संपादक के रूप में कोरोना काल की परिवर्तित पत्रकारिता शैली को नई धार दे रहे हैं। उन्हें अखबार के लिए रणनीति बनाने, नये संस्करण और प्रोडक्ट की लांचिंग, रिपोर्टिंग, डेस्क समन्वय और संपादन की गहरी समझ है। पत्रकारिता के साथ पुस्तक लेखन का सफर भी जारी है। समाजशास्त्र के अध्येता के रूप में प्राप्त अनुभवों और ज्ञान को भी दो किताबों का रूप दे चुके हैं, जो कि हिन्दी माध्यम के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित हो रही है। वहीं समय के साथ पुस्तक पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अतीत के राजनीतिक घटनाक्रम से रूबरू करा रही है ताकि वे भविष्य की घटनाओं को बारीकी से समझ सकें।
Samidha
परिवर्त्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है। काव्य गंगा की मनुहारी सतत् लहरें भी भाव-कूलों के मध्य अपने प्रवाह क्रम में इन परिवर्त्तनों से अनछुई कैसे रह पाती? युग युगान्तरीय पारिवेशिक बदलाव साहित्य की हर विधा में अपना प्रभाव सदैव डालता रहा है। हर युग में साहित्य में प्रयोग होते रहे हैं। कविता के सृजन में कवियों के भाव पटल पर युग धर्मिता एवं पारिवेशिक प्रभाव की जीवंतता ही विभिन्न वादों की जननी रही है। कभी भावात्मक प्रवणता प्रमुख रही है तो कभी शैली, कभी काव्यानुशासन की प्रमुखता रही हैं तो कभी विचार धारा विशेष अपनी छाप छोड़ गई है। कुछ भी हो, काव्य-गंगा की किलकारियां भरती लहरें अपने आयाम को विस्तार प्रदान करते हुए अनवरत प्रवहमान बनी हुई हैं। हाँ, यह भी अकाट्य सत्यहै किअनवरत प्रवाहित गंगा की तटीय धारा मध्यस्थ मुख्यधारा-सी ओजस्वीनहीं हो पाती पर जनकार्य में तटीय जल ही समस्त श्रेय ले जाता है। अतः काव्यसंसार में स्वानुभूत पीड़ाजन्य किसी भी काव्य रचना का महत्त्वकम नहीं आंका जा सकता। परन्तु, वैचारिक गांभीर्ययुक्त मुख्यमार्गीय धारा के प्रखर ओज को दर किनार करने की सोच भ्रम के सिवा कुछ भी नहीं हो सकती।
Sanskrt saahity ka parichay evan bhaarateey sanskrti
Sanskrt saahity ka parichay evan bhaarateey sanskrti |
Sarkar Babu
यह उपन्यास बिहार तथा झारखंड के संथाल परगना की सामाजिक-राजनैतिक व्यवस्था को उजागर करने वाले उन पत्रकारों के जीवन और कर्तव्यों पर आधारित है जिन्होंने अपने कर्मों से बड़े-बड़े लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि दरअसल छोटे शहरों और कस्बों में काम करने वाले पत्रकार ही असली पत्रकार होते हैं जो पत्रकारिता की चमक -दमक से दूर जंगलों, पहाड़ों और नदियों को पार कर जनता के लिए सही खबरें लाते हैं। फिर भी उन्हें कभी भी वह सम्मान नहीं मिलता जिनके वे हकदार होते हैं। सरल भाषा में लिखी गयी यह किताब सत्य घटनाओं पर आधारित है।
Save Electricity Save Money Save Nation
Electricity is on type of Energy like Chemical Energy, Wind Energy, Solar Energy, Nuclear Energy, Dynamic Energy etc. Electricity is
Secrets Of Longevity Revealed-Vol-III
Teach yourself, teach your body, teach every cell and organs that without
exercise, without sweat you cannot call it day call open the sleeping soul and
see how it awakes. Your health become powerful your glory will flourish
goodness with heart purity.[koo_icon name="undefined" color="" size=""]