Pyaaz ke chhilake
मैने कहानियों में स्थान सच्चे रखे है जिससे कहानियों में और अधिक वास्तविकता नज़र आए।बाकी तो आप सभी ये अच्छी तरह से समझते हैं कि कोई भी कहानी सौ प्रतिशत सच नहीं होती और ना ही सौ प्रतिशत झूठी या काल्पनिक होती है।कहानी के सृजन में सच के साथ ही कल्पना के भी कुछ तंतु होते हैं ।अलग-अलग समय पर अलग-अलग मानसिकता के साथ कहानियों का सृजन हुआ है।
कहानी-संग्रह की इस यात्रा में सबसे पहले मैं अपनी धर्मं – पत्नी श्रीमति कुमकुम जौहरी के निरन्तर सहयोग के प्रति अनुगृहित हूँ जिन्होंने परिवार के सभी उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए न केवल इस कहानी-संग्रह के सृजन मे अभूतपूर्व योगदान दिया बल्कि पहले के दोनों संग्रहों में भी इनका उतना ही योगदान एवं सहयोग रहा है।उनके सहयोग के बिना मेरे सृजन शायद आप तक पहुंच ही नहीं पाते।
Python Programming
Welcome to the world of Python programming! This book serves
as your comprehensive guide to learning Python, starting from
the very basics and gradually building up your skills to become
proficient in this versatile and powerful programming language.
Python is a high-level, interpreted language known for its
simplicity and readability. Its elegant syntax allows developers to
express their ideas in a clear and concise manner, making it an
ideal choice for beginners and experienced programmers alike.
Python Programming Language
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Raah se Bhatakata Purush Naaree Vimarsh
आज जिस उच्चतर स्तर पर नारी शोषण हो रहा है, उसको देख कर साफ जाहिर हो जाता है कि पुरुष नारी विमर्ष राह भटक गया है। ये ठीक है कि आज नारी को घर से बाहर निकलने की अधिक स्वतंत्रता मिली है मगर किस कीमत पर? आज तो वह गली छाप छिछोरों जो इंसान की औलाद नहीं बल्कि भेड़ियों के बच्चे अधिक दिखाई देते हैं, की षिकार बन रही हैं। इस पुस्तक में हमने इसी परिवेष की चीर फाड़ की है। यह भी सुझाया है कि बहन बेटियाँ इन भेड़ियों से कैसे बचें, कैसे उन्नति करें, कैसे जीवन साथी चुनें? यहाँ और कुछ कहना उपयुक्त न होगा।
Rajkumari Roopmati ki Atamkatha
His publications are (1) Humour in Classroom (2nd edition), (2) New Dimensions of Value Education (3) Humour in Happiness Curriculum (4) Human Resource Development in Education (5) Institutional Training and Development (6) Society, Do We Know What It Is? (7) Women’s Emancipation Derailed (8) Love Beyond Horizons, Novel (3rd edition) (9) Love Orchard In The Backyard, Novel (10) Romance in Corona, Novel (11) The Unsung Martyred Tawayafs (12) The Butterfly In Her Is Dead, Novel (13) Management of Nursery Education (14) Reborn For Perpetual Love, Novel (15) Autobiography Of Princess Roopmati, Novel
Rajsree [PB]
यह उपन्यास प्राचीन भारत के सम्राट हर्षवर्द्धन की बहन राज्यश्री के जीवन संघर्ष पर आधारित है। राज्यश्री पुष्यभूति वंश के प्रतापी राजा प्रभाकरवर्द्धन की पुत्री थी जिसका विवाह कन्नौज के मौखरि वंश के राजा ग्रहवर्मा से हुआ था। मालवा के राजा देवगुप्त और गौढ़ (बंगाल) नरेश शशांक ने मिलकर कन्नौज पर आक्रमण किया और ग्रहवर्मा की हत्या कर दी। उन्होंने राज्यश्री को भी कारागार में डाल दिया। किन्तु राज्यश्री कारागार से निकलने में सफल हुई। वह विंध्याचल के वन में चली गयी जहाँ उसने स्वयं को अग्नि में समर्पित करने का निर्णय किया। तब किस प्रकार हर्षवर्द्धन जैसे भाई ने अपनी बहन की रक्षा की और उसे कन्नौज वापस लाया इन्हीं घटनाओं को इस उपन्यास में सरलता से दर्शाया गया है।
Ram ji ko Ram Ram
राम का अर्थ है मन की अग्नि का दमन अर्थात मानसिक संतृप्तता। जब मन शांत होगा तभी तो परमार्थ की ओर मनुष्य अग्रसर होगा। तभी तो वो अपने जीवन का सबसे उत्तम या सर्वश्रेष्ठ चिंतन या मंथन का मूर्त योगदान साकार कर इस समाज को दे पायेगा।
जब तक किसी इंसान की आत्म संतुष्टि नहीं होती तब तक वह न तो स्वम् को कुछ दे सकता है। न परिवार को कुछ दे सकता है और न ही समाज को कुछ दे पायेगा।
भारतीय संस्कृति में अभिवादन की कई परम्परायें हैं। प्रणाम, पाय लागूं ,चरण स्पर्श जो आदि अनादि काल से भारतीय हिन्दू संस्कृति में रची बसी रही।
परन्तु भगवान् राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने के बाद या सीधे शब्दों में कहूँ कि राजा रामचंद्र जी के मर्यादित आचरण ,रामराज्य,मात पितृ भक्ति , सहोदर स्नेह ,निस्वार्थ कर्तव्य परायणता और जीवन में पग पग पर अति दुर्गम एवं कष्टमय समय के झँझावतों में असीम धैर्य का परिचय देते हुए ,निर्लोभ ,सहज भाव से पद,गरिमा,शुचिता, एवं मर्यादा को पालन करते हुए, जनमानस में कहा कि ये ही तो हिन्दू सनातन धर्म की सभ्यता है ,यही तो मर्यादा है , यही तो भगवान् हैं ,यही तो मेरे राम हैं।
राम एक नाम नहीं एक महाशब्द है। जिसमें सारा ब्रह्माण्ड, सहस्त्रों सूर्य, इस समग्र जिव एवं निर्जीव कण का अस्तित्व निहित हैं। इसीलिए राम आराध्य हैं, राम असीमित हैं, राम अपरिमेय हैं।
भारत पर आततायियों ने आक्रमण किया।हम ८०० साल पराधीन रहे। हमारी पारधीनता का कारण हिन्दू न का भीरु या कायर होना कदाचित नहीं रहा। हिन्दू न भीरु था , न है और न ही कभी रहेगा।
परन्तु हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी बिडंबना और सबसे प्रशंसनीय बात केवल एक और वो है किसी भी बात को आत्मसात कर लेना , स्वीकार कर लेना। असीम सहनशीलता भी हिन्दू धर्म की दूसरी कमी और प्रशंसनीय बात है ।
बस इसी सोच ने लुटेरों को बादशाह बना दिया और कुछ कबीलों के विदेशी लुटेरे अपना अपना धर्म एवं साम्राज्य भारत में बनाते चले गए और हिन्दू परतंत्र होता चला गया।
मंदिर ,धर्मस्थल तोड़ दिए ,मूर्तियां तोड़ दीं और अखंड भारत कुछ घर के घातियों के कारण खंड खंड हो गया।
राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह हिन्दू धर्म के कुछ जयचंदों ने लगाए। पर राम तो राम हैं “मन की अग्नि”को मरने वाला। अतः राम के नाम की तेजाग्नि में घातियों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया और आज मर्यादा पुरुषोत्तम राजारामचंद्र जी की लीला ,नवचेतना और नववेग के साथ हर भारतीय को मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए, समाज को कुछ और देने के लिए प्रेरित कर रही है।
मैंने इस संकलन में राम ,कृष्ण ,सनातन, भारत और कुछ समय की सच्चाई को शब्दों में पिरोया हैं।
मैं आशा करता हूँ कि मेरी हर कही हुई पंक्ति आपकी सोची हुई पंक्ति ही होगी।
राम जी को राम राम ,श्याम जी को श्याम श्याम।
सीता मैय्या कोटि प्रणाम बनी अयोध्या पंचम धाम।।