Dr. Kevel Dheer (डॉ. केवल धीर) ५ अक्टूबर, १९३८ को गग्गो मंडी (ज़िला मिंटगुमरी, पाकिस्तान) में डॉ. हंस राज एवं श्रीमती पदमावती के घर पैदा हुआ। देश विभाजन के बाद फगवाड़ा (पंजाब) से मेट्रिक एवं उसके बाद दिल्ली तथा पटना में उच्च शिक्षा एवं मेडिकल की डिग्री प्राप्त की। बतौर मेडिकल अफसर अपने कैरियर का प्रारम्भ किया और सन्न १९९६ में पंजाब सरकार के स्वस्थ्य विभाग में उच्च पद से सेवानिर्वत हुए। लुधिअना शहर को अपना स्थायी आशिआना बना, दो संताने, बीटा डॉ अनिल धीर कनाडा में तथा बेटी भारती विटठल ऑस्ट्रेलिया में सहपरिवार स्तिथ है।
डॉ. केवल धीर का प्रथम कहानी संग्रह 'धरती रो पड़ी' (हिंदी) सन्न १९५७ में प्रकाशित हुआ। मौलिक रूप से वह कहानीकार हैं तथा विभिन्न भाषाओं में इनके आठ कहानी-संग्रह अनुदित एवं प्रकाशित हो चुके हैं। अब तक प्रकाशित १०० के लगभग इनकी पुस्तकों में उपन्यास, सफरनामें, यादें, मनोविज्ञान, स्वस्थ्य एवं संकलित साहित्य है। सआदत हसन मंटो पर उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। टी. वी. सीरियल एवं फिल्मों के लिए भी इन्होंने लिखा है। इनकी साहित्यिक रचनाओं पर इन्हें देश की आठ अकादमियों द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है तथा पंजाब का सबसे बड़ा राजकीय पुरुस्कार शिरोमणि उर्दू साहित्यकार, साहित्यश्री राष्ट्रीय सम्मान, सार्कफॉउण्डेशन का ऐम्बेस्डर फॉर पीस, मानव भलाई के लिए ए. ओ. एच. डब्लु. का एशियाइ अवार्ड आदि अनेक पुररस्कार एवं सम्मान उनके नाम हो चुके हैं। साहित्य द्वारा विश्व शान्ति, मैत्री एवं सांस्कृतिक योगदान के लिए उन्हें हाउस ऑफ़ कामनस, कनाडा द्वारा सम्मानित किया गया है। भारत एवं पाकिस्तान में इनके साहित्य एवं व्यक्तित्व पर कई विश्वविद्यालयों द्वारा एम- फील- तथा डॉक्ट्रेट के लिए शोध कार्य हुआ है।
डॉ धीर पाकिस्तान, बांग्लादेश, मॉरिशस, नेपाल के अतिरिक्त अनेक बार अमेरिका, कनाडा, यू. के., नॉर्वे, फ्रांस तथा कई अन्य यूरोपियन देशों की साहित्यिक यात्रा कर चुके हैं।
पंजाब सरकार के भाषा विभाग के उर्दू सलाहकार तथा पंजाब उर्दू अकादमी के सदस्य के अतिरिक्त अदीब इंटरनेशनल एवं साहिर कल्चरल अकादमी के चेयरमैन के पद पर आसीन डॉ धीर भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास के लिए सक्रिय हैं।
Reviews
There are no reviews yet.
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.