Description
वह एक किशोरी है। अपना जीवन अपने तरीके से जीने की तमन्ना रखती है। वह समझती है जिंदगी का दूसरा नाम है इंतजार। किसी को मोहब्बत का इंतजार है, किसी को रोटी का तो किसी को मौत का। एक लड़की अपनी संपूर्णता को एक शरीफ और शालीन पुरुष में तलाशती है। एक ऐसा पुरुष जो उसकी भावनाओं की कद्र करे। उसके सुख-दुख में परछाई बन हमेशा साथ खड़ा रहे । मीडियावालों को लग रहा था कि मिष्ठी की कहानी आज की सच्ची वाक्या है जिसे वे रिकॉर्ड कर रहा है। लाल हवेली का एक-एक ईंट जीवन्त है। उनसे निकलती ऊर्जा में मिष्ठी की खुशबू तैर रही है। गुलाब सिंह बता रहे हैं उसे किसी की दखल अंदाजी नहीं चाहिए। वह स्वतंत्र रहना पसन्द करती है। अप्रत्यक्ष नियन्त्रण का साथ स्वीकार है। मूवी हॉल में घटी गुंडे की अश्लील हरकत से मिष्ठी आहत है। उसे अपने माता-पिता की आजादी न देने, उसपर नजर रखने का रवैया उचित है। उसके साथ हुई बदसलूकी, अनहोनी से वह मानसिक दबाव में है। वह इस घटना को हमेशा के लिए दफ्न कर देना चाहती है।
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