Description
यह उपन्यास एक ऐसी रूपवती लड़की के जीवन पर
आधारित है, जो प्रतिभा की धनी है, और महत्वाकांक्षी है। वह प्रशासनिक अधिकारी बनकर देश व समाज की सेवा करना चाहती है। पढ़ाई के दिनों में एक प्रोफेसर उसके जीवन में प्रवेश करते हैं। प्रेम प्रपंच मंे फॅस कर वह अपने को भूलजाती है और गर्भवती हो जाती है। वह प्रोफेसर के सामने विवाह का प्रस्ताव रखती है और प्रोफेसर राजी हो जाता है। अन्तिम निर्णय के लिए वे तीन दिन का समय लेकर अपने गाँव जाते हैं। लेकिन महीने भर वह लौटकर वापस नहीं आतें है। सामाजिक मानमर्यादाओं की रक्षा के लिए उसके अभिभावक, उसकी मर्जी के विरूद्ध उसका विवाह कर देते हैं और लगभग तीन माह का गर्भलेकर वह ससुराल जाती है। फिर उसके जीवन में यातनाओं का दौर प्रारम्भ होता है। आगे की कथा बड़ी रोमांचक और हृदय विदारक है। तमाम कष्टों और झंझावातों को झेलते हुए जीवन से संघर्ष करती है। भाग्य का खेल बड़ा निराला है। अन्त में वह एक सफल पी0सी0एस0 अधिकारी बनती है।
मेरा प्रथम उपन्यास ‘‘हार मेरी जीत तेरी’’ वर्ष 2018 में प्रकाशित हुई। उसकी लोकप्रियता से अभिभूत होकर मैं इस उपन्यास को लिखने के लिए प्रेरित हुआ। मुझे आशा और
विश्वास है कि इस कथा को पढ़ कर आप असीम आनन्द का अनुभव करेंगे।
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