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Rajsree [PB]

यह उपन्यास प्राचीन भारत के सम्राट हर्षवर्द्धन की बहन राज्यश्री के जीवन संघर्ष पर आधारित है। राज्यश्री पुष्यभूति वंश के प्रतापी राजा प्रभाकरवर्द्धन की पुत्री थी जिसका विवाह कन्नौज के मौखरि वंश के राजा ग्रहवर्मा से हुआ था। मालवा के राजा देवगुप्त और गौढ़ (बंगाल) नरेश शशांक ने मिलकर कन्नौज पर आक्रमण किया और ग्रहवर्मा की हत्या कर दी। उन्होंने राज्यश्री को भी कारागार में डाल दिया। किन्तु राज्यश्री कारागार से निकलने में सफल हुई। वह विंध्याचल के वन में चली गयी जहाँ उसने स्वयं को अग्नि में समर्पित करने का निर्णय किया। तब किस प्रकार हर्षवर्द्धन जैसे भाई ने अपनी बहन की रक्षा की और उसे कन्नौज वापस लाया इन्हीं घटनाओं को इस उपन्यास में सरलता से दर्शाया गया है।

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यह उपन्यास प्राचीन भारत के सम्राट हर्षवर्द्धन की बहन राज्यश्री के जीवन संघर्ष पर आधारित है। राज्यश्री पुष्यभूति वंश के प्रतापी राजा प्रभाकरवर्द्धन की पुत्री थी जिसका विवाह कन्नौज के मौखरि वंश के राजा ग्रहवर्मा से हुआ था। मालवा के राजा देवगुप्त और गौढ़ (बंगाल) नरेश शशांक ने मिलकर कन्नौज पर आक्रमण किया और ग्रहवर्मा की हत्या कर दी। उन्होंने राज्यश्री को भी कारागार में डाल दिया। किन्तु राज्यश्री कारागार से निकलने में सफल हुई। वह विंध्याचल के वन में चली गयी जहाँ उसने स्वयं को अग्नि में समर्पित करने का निर्णय किया। तब किस प्रकार हर्षवर्द्धन जैसे भाई ने अपनी बहन की रक्षा की और उसे कन्नौज वापस लाया इन्हीं घटनाओं को इस उपन्यास में सरलता से दर्शाया गया है।

Weight 0.400 kg
Dimensions 22 × 15 × 2 cm
Author

Dr. Brajesh Verma

Publisher

Namya press

Series

Paperback

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